Thursday, May 13, 2010

Tuesday, May 11, 2010

मेरे बारेमे कुछ

अभी कहाँ से शुरू करू समज में नहीं अ रहा हिन् आज का पहला हिन् दिन हिन् जो मं ये लिख रहा हूँ .अगर मेरे लिखने में जरा कुछ भी गलतिय होती हिन् तो मुझे मुआफ कर्दिजिये गा । ये आपस एमेरी पयर भरी गुज़ारिश हिन् ।
छठा तो मं काफी कुछ कहानिया लिख सकता था बुत मुझे लग रहा हिन् की खानी स इ अच्छा होगा की मं अपनी जिंदगी के बारे में सब सच बात एलिखता जाऊ ।
हर किसी की भी जिंदगी मं हर कोई दुःख ओउर दर्द आते हिन् ये सुब तो जिंदगी का रूप ही हिन् बिन इससे कुछ नहीं । बस ये बात अलग हिन् की हर एक के जिंदगी में ये कम जायदा होते है। सो वैसे ही मेरी जिंदगी है । मेरे जिंदगी मं अभी कुछ बचा ही नहीं हिन् बस जिंदगी जिनी हिन् किसी तरह। अकिर हम इन्सान हिन् ही एसे.
सुब इन्सान एक जसिसे नहीं होते पर एक कहावत हैना । एक पूरी मछली पुरे तलब को गुंडा कर देती है। उसी प्रकार शयद दुनी या मै कुछ लूग होंगे जो अछे होंगे दिल के साफ़ होंगे पर अभी इस भीड़ मं वो कहीं खो गएँ होंगे या परिस्तिथि उनको बदलती रहेगी। इस लियें इस दुनिया मं सिर्फ अपना देखने वाले है ।
एइसे हिन् सुब मेरे जिंदगी मं भी हुवा है । आप लोग ये मत समजियेग की मं पयर में फेल हो गया सो ईसा सोच रहा हूँ । ये गलत है। पयर भी नसीब वाले को मिलता है । मेरा नसीब उतना अच्छा नहीं है की मुझसे कोई पयर करें । हाँ मं इंतजार करता रहा प्यर का पर कोई आया नहीं . छोड़ो खाते हिन् के भगवन किसी को देते हिन् तो छपर फाड़ कर देते है । वैसे हिन् भगवन जी ने मुझे भी इतना दिया की मुझसे रहा नहीं जाता । जिंदगी ज़ि नहीं जाती पर जी रहा हूँ । मुझे पता है की हर किसी को अपना दुःख सबसे बड़ा लगता है। क्यों की ये सुब हम इंसानों की सोच है। दुनिया में काफी लूग होंगे जो मुझसे भी बड़े दुखी और मुश किल में होंगे । पर उनमे से शयद ही कोई अपने बारे में बता न चाहेगा । कोई बाते भी तो किसी बताएं । उनको जो उनपर उल्टा हसेंगे और उनको जो खुद उनके सात वैसा धोका देते हिन् । नहीं कोई किसी को ये सब बाते नहीं बता ता । मैंने भी बता ने की कोशिश की पर वो सुब भी मुझे मिला लोगोका हसंना उनके ताने। अभी ये सुब इतना सुन चूका हूँ की कुछ असर ही नहीं होता दिल पर बस जिंदगी मिली हिन् जीना हिन् एक दिन जाना हिन् ।
पर मं ये सोच रहा था की क्यों न मं ये मेरे जिंदगी की सुब बाते कुछ एसे जगह बातुन की जहन से ये सुब पढ़े सुम्जे और मजाक करें हंसे तन इ मरे । पर अकिर मं ये बताएं की के ये हमारी जिंदगी है।
पर क्यों हमें एइसे जिंदगी मिली अकिर के गलती हुई हमसे .......?





आगे ................... मं हर रूज़ अपन इ जिंदगी के बारे में जो मेरा भुत है वो लिख ते जाऊंगा ।